लेखिका गीतांजलि श्री का जीवन परिचय | Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi

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लेखिका गीतांजलि श्री का जीवन परिचय, उम्र और जीवनी (Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi, Age, Wiki, Family, Books and Career)

hindimejano.in लेकर आया है आज एक बुकर अवार्ड्स से सम्मानित गीतांजलि श्री की जीवनी लेकर जिन्होंने हिंदी का नाम पुरे जगत में फैलाया है । Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi

Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi
Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi

Writer Geetanjali Shree Biography in Hindi

गीतांजलि श्री हिन्दी की जानी मानी कथाकार और उपन्यासकार हैं। मई 2022 में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता रही। टॉम्ब ऑफ सैंड बुकर जीतने वाली हिंदी भाषा की पहली किताब बन गयी है। साथ ही किसी भी भारतीय भाषा में अवॉर्ड जीतने वाली भी पहली किताब बन गयी है।

गीतांजलि श्री (जन्म 12 जून 1957) हिन्दी की जानी मानी कथाकार और उपन्यासकार हैं। उत्तर-प्रदेश के मैनपुरी नगर में जन्मी गीतांजलि की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हुई। बाद में उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक और जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. किया।

महाराज सयाजी राव विवि, वडोदरा से प्रेमचंद और उत्तर भारत के औपनिवेशिक शिक्षित वर्ग विषय पर शोध की उपाधि हासिल की। वो कुछ दिनों तक जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में अध्यापन का काम भी किया है उसके  बाद सूरत के सेंटर फॉर सोशल स्टडीज में पोस्ट-डॉ टरल रिसर्च के लिए गईं। वहीं रहते हुए उन्होंने कहानियाँ पढ़नी फिर लिखनी शुरू कर दी।

Geetanjali Shree Book

उनकी पहली कहानी बेलपत्र 1987 में हंस में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद उनकी दो और कहानियाँ एक के बाद एक ‘हंस` में छपीं। अब तक उनके पाँच उपन्यास – ‘माई`,’हमारा शहर उस बरस`,’तिरोहित` ‘खाली जगह’, ‘रेत-समाधि’ प्रकाशित हो चुके हैं; और पाँच कहानी संग्रह – ‘अनुगूंज` ‘वैराग्य`,’मार्च, माँ और साकूरा’, ‘यहाँ हाथी रहते थे’और ‘प्रतिनिधि कहानियां’ प्रकाशित हो चुकी हैं। 1994 में उन्हें अपने कहानी संग्रह अनुगूँज के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित किया गया।

‘माई` उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद ‘क्रॉसवर्ड अवार्ड` के लिए नामित अंतिम चार किताबों में शामिल था। ‘खाली जगह’ का अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन भाषा में हो चुका है।अपने लेखन में वैचारिक रूप से स्पष्ट और प्रौढ़ अभिव्यिक्ति के जरिए उन्होंने एक विशिष्ट स्थान बनाया है।

पुरस्कार

वे स्कॉटलैंड, स्विट्ज़रलैंड और फ्रांस में राईटर इन रेज़िडेंसी भी रही हैं।

दिल्ली की हिंदी अकादमी ने उन्हें 2000-2001 के साहित्यकार सम्मान से अलंकृत किया है। 1994 में उन्हें अपने कहानी संग्रह अनुगूँज के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित किया गया। इनको इंदु शर्मा कथा सम्मान, द्विजदेव सम्मान के अलावा जापान फाउंडेशन, चार्ल्स वॉलेस ट्रस्ट, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और नॉन्त स्थित उच्च अध्ययन संस्थान की फ़ेलोशिप मिली है।

गीतांजलि श्री का उपन्यास हिंदी में ‘रेत समाधि’ नाम से पब्लिश हुआ था। लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास टॉम्ब ऑफ सैंड को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला।

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FAQ

Q. गीतांजलि श्री का जन्म कब हुआ था?

Ans. जन्म 12 जून 1957

Q. गीतांजलि श्री ने कौन सा अवार्ड जीता है?

Ans. बुकर अवार्ड्स

Q. गीतांजलि श्री ने किस बुक के लिए बुकर अवार्ड जीता?

Ans. टॉम्ब ऑफ सैंड

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