कौन है श्रुति शर्मा यूपीएससी आईएएस टॉपर 2021 (Who Is Shruti Sharma UPSC Topper 2021), UPSC Topper 2021
UPSC एक ऐसा नाम है जिसे क्लियर करने का सपना सबका होता है पर सफल कुछ ही होते है. आज हम आपको बताएँगे एक ऐसे महिला सक्श की जिसने अपने म्हणत के बलबूते मात्रा 15 दिन की मेहनत से UPSC क्लियर कर लिया जिसका नाम है श्रुति शर्मा.
श्रुति शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बी.टेक के दौरान उनकी पांच सब्जेक्ट में बैक आई थी, जिसे उन्हें खुद पे विस्वाश नहीं हो रहा था और मन में दर थे वह यूपीएससी जैसे कठिन एग्जाम को कैसे क्लियर कर लेंगी।

Who Is Shruti Sharma UPSC Topper 2021
श्रुति शर्मा कहती हैं, ‘मैं एक जॉइंट फैमिली से आती हूं। मेरे परिवार में किसी ने कभी कोई नौकरी नहीं की थी। मैं अपने परिवार की पहली शख्स हूं जो नौकरी करना चाहती थी। हमारे परिवार में सभी लोग बिजनेस करते हैं। मैं पढ़ाई में थोड़ी ठीक भी थी इसलिए मेरे पिता चाहते थे कि मैं आगे अपनी पढ़ाई जारी रखूं। बी.टेक में एडमिशन मिल तो गया.
श्रुति ने एक बार बताया था की मेरी कॉलेज में पहले साल में मेरी दो सब्जेक्ट में बैक आई थी। दूसरे साल में तीन सब्जेक्ट में बैक थी। मैंने किसी तरह करके इंजीनियरिंग पूरी की। इस बीच मेरे पिता को लीवर की गंभीर बीमारी हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। गेट के एग्जाम में मेरी रैंक अच्छी नहीं आई। मैंने दोबारा एग्जाम दिया और कामयाबी भी मिल गई, लेकिन मन ही मन मैं बहुत दुखी थी। क्योंकि मेरे पिता की तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी।
Shruti Sharma UPSC Topper Education
श्रुति ने कहा, ‘मेरा बिल्कुल भी यूपीएससी एग्जाम देने का मन नहीं था, लेकिन दोस्तों ने इसके लिए मुझे मन लिया। और मैंने एग्जाम देने का फैसला कर लिया। पहला प्रयास मैंने यूं ही मस्ती में दे दिया और मैं सिर्फ बस 2 अंकों से रह गई। इसके बाद मुझे विश्वास होने लगा कि मैं इस एग्जाम को क्लियर कर लूंगी। दूसरे प्रयास में भी मेरा नहीं हुआ। इस बीच मेरे पिता की तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्होंने परिवार के किसी भी शख्स को पहचानना बंद कर दिया। और मेरा मन एक भी नहीं था बूत मुझे देना पड़ा.
पिता का निधन:
अपने पिता के आखिरी दिनों में बिताये पल को याद करते हुए श्रुति कहती हैं, ‘पिता का निधन होने के बाद मैंने फैसला किया कि अब मैं हार नहीं मानूंगी। मैं हर हल में जीतूंगी. मैं बहुत बुरी तरह टूट चुकी थी। तीसरे प्रयास के लिए मेरी तैयारी भी बहुत कम हो पाई थी और सिर्फ 15 दिन की तैयारी के बाद आखिरकार तीसरे प्रयास में मैं कामयाब हो गई। मैं बस यही कहना चाहती हूं कि जीवन में परेशानियां तो आती हैं, लेकिन आपको इन्हें पार करना आना चाहिए और निराश बैठने से कुछ हासिल नहीं होगा।
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